विद्यालयी
मिड-डे मील योजना का आलोचनात्मक प्रतिवेदन
दिनांक
: 10-12-2016
छात्रअध्यापक
का नाम :
अनुक्रमांक
:
विद्यालय
का नाम :
विषय सूची :
v परिचय
v उद्देश्य
v साप्ताहिक
आहार मेनू
v व्यावहारिक
पक्ष : आलोचनात्मक प्रतिवेदन
परिचय
माo
सर्वोच्च्य न्यायालय द्वारा दिनांक 28 नवम्बर 2001 को दिए गए निर्देश के
क्रम में प्रदेश में दिनांक 1 सितम्बर 2004 से पका-पकाया भोजन प्राथमिक विद्यालयों
में उपलब्ध कराये की योजना आरम्भ कर दी गई | वर्त्तमान में इस योजना से प्रदेश में
1,14,220 प्राथमिक विद्यालयों एवं 54,166
उच्च प्राथमिक विद्यालय आच्छादित है | इन विद्यालयों में प्राथमिक स्तर पर अध्यनरत
62 लाख विधार्थी एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर 56.09 लाख विधार्थी लाभावंतित हो रहे
है |
योजना
के क्रियान्वयन से निम्न उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मध्याहन भोजन प्राधिकरण का
गठन अक्टूबर 2006 में निम्न उद्देश्यों को ध्यान में रख कर किया गया |
1) प्रदेश
के राजकीय, परिषदीय, तथा राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त अर्ह प्राथमिक
विद्यालयों, ई. जी. एस. केन्द्रों में अध्यनरत बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध
कराना |
2) पौष्टिक
भोजन उपलब्ध करा कर बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की क्षमता को विकसित करना |
3) प्राथमिक
कक्षाओं में विद्यालयों में छात्रों के रुकने की प्रकृति विकसित करना |
4) बच्चों
में भाईचारे की भावना विकसित करना तथा विभिन्न जातियों एवं धर्मों के मध्य के अंतर
को दूर करने हेतु उन्हें एक साथ बिठा कर भोजन कराना ताकि उनमें अच्छी समझ पैदा हो
|
5) बच्चों
का शारीरिक एवं मानसिक विकास हो सके |
व्यावहारिक पक्ष: आलोचनात्मक प्रतिवेदन
राम भरोसे मैकूलाल इंटरमीडिएट कॉलेज में मिड-डे
मील की व्यवस्थता बहुत ही ख़राब है | किसी भी शिक्षक के द्वारा भोजन की गुणवत्ता की
जाँच नहीं की जाती | जबकि खाने की गुणवत्ता बहुत ही ख़राब है | इस पर अगर जल्द ही
ध्यान नहीं दिया गया तोह कोई भी बड़ी अनहोनी घटना घट सकती है | विद्यालय प्रबंधन को
इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए और खाने की गुणवत्ता के सुधार के लिए कड़े कदम
उठाना चाहिए |
and than attached the menu of mid day meal
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