विद्यालय प्रातः
काल प्रार्थना सभा एवं पाठ्य सहगामी गतिविधि का आलोचनात्मक प्रतिवेदन
दिनांक
: -
छात्रअध्यापक
का नाम : -
अनुक्रमांक
: -
विद्यालय
का नाम : -
विषय
सूची : -
v सारांश
v सैधांतिक
पक्ष
Ø प्रस्तावना
Ø प्रार्थना
का अर्थ एवं अवधारणा
Ø प्रार्थना
की आवश्यकता एवं महत्त्व
Ø पाठ्य
गतिविधि
v व्यावहारिक
पक्ष, आलोचना प्रतिवेदन
Ø प्रार्थना
का समय
Ø प्रार्थना
का स्वरूप
Ø प्रार्थना
सभा का वातावरण
Ø प्रार्थना
सभा में छात्रों की भागीदारी
v निष्कर्ष
v सुझाव
v परिशिष्ट
( वर्तमान प्रार्थना की छायाप्रति)
सारांश (Abstract)
प्रार्थना मनुष्य की श्रेष्ठता की प्रतिक है , क्योंकि यह उसके और
परमात्मा के घनिष्ठ संबंधो को दर्शाती है | हर एक धर्म में प्रार्थना का बड़ा
महत्त्व होता है | प्रार्थना में परमेश्वर के प्रशंसा, स्तुति, धन्यवाद,
मार्गदर्शन की इच्छा, दुसरों का हित चिंतन आदि होता है | प्रार्थना का स्थान शांत, स्वच्छ, मनोरम और
खुला होना चाहिए | यह ऐसा होना चाहिए की ध्यान नहीं बटे और शोरगुल न हो |
प्रार्थना में मन
की एकाग्रता बहुत आवश्यक होती है | प्रार्थना से बड़ा बल, विश्वास, प्रेरणा और सही
मार्गदर्शन मिलता है |
प्रस्तावना
प्रार्थना शब्द का अपने आप में एक व्यापक अर्थ है | सभी विधालयों में
प्रार्थना सभा एवं पाठ्य गतिविधियाँ दोनों आवश्यक रूप से होना चाहिए | प्रार्थना
करने से छात्रों के अन्दर मानवीय गुण जैसे – दया, अहिंसा , ममता, परोपकार,
सहनशीलता, उच्च-विचार, सादगी आदि गुण पैदा होते है |
इस प्रकार
प्रार्थना का मनिवैज्ञानिक महत्त्व भी कम नहीं है | मन को शांत करने, बुद्धि को
एकाग्र करने, संस्कारो को श्रेष्ठ बनाने और आत्मविश्वास प्राप्त करने में यह एक
अनुपम साधन है |
प्रार्थना का अर्थ एवं अवधारणा
इतनी शक्ति हमें
देना दाता,
मन का विश्वास
कमजोर हो ना,
उपरोक्त प्रार्थना का एक अंश है जिससे ईश्वर से विनती किया जाता है
कि हे ईश्वर हमें मानसिक रूप से शक्तिशाली बनाना जिससे हम बुराई के मार्ग पर नहीं
चलें, हमारा विश्वास कभी कमजोर न हो |
प्रार्थना का अर्थ
होता है , परमेश्वर के साथ घनिष्ठता | प्रार्थना से मन को शांति मिलती है | सभी
प्रार्थनाओं का एक ही मूल उद्धेश्य है कि छात्रों के अन्दर मानवीय गुणों का विकास
करना |
प्रार्थना की आवश्यकता एवं महत्त्व
एक विद्यालय में प्रार्थना सभा से निम्न महत्त्व है –
ü छात्रों
के अन्दर मानवीय गुणों का विकास करना
ü छात्रों
के अन्दर मन को एकाग्र करने की क्षमता का विकास होना
ü प्रार्थना
सभा से छात्रों के अन्दर समय के प्रति प्रतिबद्ध हो जाना
ü प्रार्थना
से छात्रों के अन्दर एक ऊर्जा पैदा होना जिससे वह शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में रूचि
लेते है
ü प्रार्थना
से छात्रों के अन्दर आत्मविश्वास की भावना जागृत करना
पाठ्य गतिविधि
प्रार्थना सभा में पाठ्यक्रम से सम्बंधित छात्रों में कुछ गतिविधिया
भी करानी चाहिए जैसे- प्रार्थना सभा में मुख्य समाचार पढ़ना, सामान्य-ज्ञान के पांच
प्रश्नों को पूछना, कहानी या किसी महान व्यक्ति के विषय में बताना आदि क्रियाओं
द्वारा हम छात्रों में बौद्धिक गुण, मनोवैज्ञानिक गुणों का विकास कर सकते है|
व्यावहारिक पक्ष :- आलोचनात्मक प्रतिवेदन
1) प्रार्थना
का समय
राम भरोसे मैकूलाल
इंटरमीडिएट कॉलेज में प्रार्थना समय दो प्रकार का है | ग्रीष्म ऋतु में प्रार्थना
समय 8.45 am तथा शीत ऋतु में प्रार्थना
समय 9.15 am है|
प्रार्थना की अवधि 15 मिनट की होती है | प्रार्थना की यह अवधि उचित
नहीं है 15 मिनट प्रार्थना सभा के लिए बहुत ही अल्प अवधि है | इस अवधि में छात्र
ठीक ढंग से प्रार्थना सभा से सम्मिलित भी नहीं हो सकते है|
2) प्रार्थना
का स्वरूप
ग्रीष्म ऋतु में
प्रार्थना का स्वरूप “त्वमेव माता च पिता त्वमेव“ है तथा शीत ऋतु में प्रार्थना का
स्वरूप “इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना” है|
राम भरोसे मैकूलाल इंटरमीडिएट कॉलेज में प्रार्थना का आरम्भ उच्च
कक्षा की छात्राओं द्वारा प्रारंभ होता है| प्रार्थना की गति एवं लय इतनी तेज होती
है कि कुछ छात्रों को प्रार्थना सभा में उपस्थित होते ही प्रार्थना का समापन हो
जाता है | इन छात्राओं को अपनी गति और लय में तालमेल रखना चाहिए जिससे प्रार्थना
मधुर एवं आनंददायक लगे | प्रार्थना के संचालन के समय में यदि कोई वाद्य यंत्र का
प्रयोग किया जाये तो यह बहुत ही अच्छा होगा |
प्रार्थना सभा में छात्रों की भागीदारी
पहले बहुत ही कम छात्र प्रार्थना सभा में भागीदारी करते थे| कुछ
छात्रों की संख्या ऐसी थी कि वे प्रार्थना सभा में उपस्थित ही नही रहना चाहते थे
लेकिन कुछ समय पश्चात् बाबा भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के सभी छात्रअध्यापक जो
राम भरोसे में प्रशिक्षण ले रहे थे, उनके प्रयासों के फलस्वरूप प्रार्थना सभा में
छात्रों की संख्या में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होने लगी |
प्रार्थना सभा का वातावरण
प्रार्थना सभा को आयोजन शांत वातावरण में होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं
होता है | प्रार्थना सभा का स्थान भी हमेशा स्वच्छ नहीं रहता है | प्रार्थना सभा
का स्थान शोरगुल वातावरण में है |
निष्कर्ष
प्रार्थना सभा में छात्रों के अन्दर ऊर्जा, ज्ञान, बौद्धिक,
आत्मविश्वास, एकाग्रता, आदि भावनाओ का संचार होता है | प्रार्थना सभा सभी
विद्यालयों में अनिवार्य कर देना चाहिए|
राम भरोसे मैकूलाल
विद्यालय में प्रार्थना सभा में बहुत से कमियां है, जिनका सुधार करना अति आवश्यक
है | विद्यालय में प्रार्थना सभा के लिए प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए |
प्रार्थना सभा की अवधि कम से कम 30 मिनट होनी चाहिए | प्रार्थना सभा का आयोजन करने
वाली छात्राओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए | उन्हें प्रशिक्षित करना चाहिए | सभी
छात्र एवं छात्राओं को प्रार्थना सभा आयोजन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए |
प्रार्थना सभा का
आयोजन एक ऐसे स्थान पर करना चाहिए जहाँ पर स्वच्छता हो और आस-पास का वातावरण शांत
हो | शोरगुल वाले स्थान पर प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं करना चाहिए |
सुझाव
राम भरोसे मैकूलाल विद्यालय में प्रार्थना सभा में निम्नलिखित सुधार
की आवश्यकता है|
ü प्रार्थना सभा की अवधि 30 मिनट होनी चाहिए |
ü सभी छात्रों को प्रार्थना सभा के आरंभ के
निर्धारित समय में उपस्थित होने के लिए प्रेरित करना चाहिए |
ü छात्र एवं छात्राओं की पंक्तिया सीधी एवं
सुव्यवस्थित होनी चाहिए |
ü प्रार्थना सभा का आयोजन एक साफ-स्वच्छ तथा शांत
वातावरण में होना चाहिए |
ü विद्यालय के सभी शिक्षकगढ़ प्रार्थना सभा में
उपस्थित होने चाहिए |
ü प्रार्थना के उपरांत समाचार पत्र का पाठन तथा
सामान्य ज्ञान के प्रश्नों को पूछना चाहिए |
ü प्रार्थना सभा का आयोजन करने के लिए प्रत्येक
छात्र एवं छात्राओं को प्रेरित करना चाहिए |
ü प्रार्थना संगीतमय एवं लयबद्ध होनी चाहिये |
परिशिष्ट : प्रार्थना
इतनी
शक्ति हमें देना दाता
मन् का वीश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना...
हर तरफ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा सहमा सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अंत हो ना...
हम चले...
दूर अग्यान के हो अँधेरे
तू हमें ग्यान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहे हम
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसीका किसीसे
भावना मन् में बदले की हो ना...
हम चले...
हम ना सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुना को जब तू बहा दे
करदे पावन हर इक मन का कोना...
हम चले...
हम अँधेरे में हैं रौशनी दे,
खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाए अपने किये की,
मौत भी हो तो सह ले खुशी से,
कल जो गुजारा है फिरसे ना गुजारे,
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना...
हम चले नेक रास्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना...
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता,
मन् का वीश्वास कमजोर हो ना...
मन् का वीश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना...
हर तरफ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा सहमा सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अंत हो ना...
हम चले...
दूर अग्यान के हो अँधेरे
तू हमें ग्यान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहे हम
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसीका किसीसे
भावना मन् में बदले की हो ना...
हम चले...
हम ना सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुना को जब तू बहा दे
करदे पावन हर इक मन का कोना...
हम चले...
हम अँधेरे में हैं रौशनी दे,
खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाए अपने किये की,
मौत भी हो तो सह ले खुशी से,
कल जो गुजारा है फिरसे ना गुजारे,
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना...
हम चले नेक रास्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना...
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता,
मन् का वीश्वास कमजोर हो ना...
प्रार्थना
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विधा द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव
सर्वं मम देव देव।
पाठ्य सहगामी
गतिविधियाँ
स्वच्छता
अभियान एवं पौध-रोपण
दिनांक:
- 22-11-2016
स्थान:-
राम भरोसे मैकूलाल इंटरमीडिएट कॉलेज तेलीबाग लखनऊ ऊ, प्र.-266025
“स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मष्तिष्क का निवास होता है |” जहाँ
स्वच्छता नहीं होती वहां ज्ञान नहीं, इसी सन्दर्भ में हम सभी छात्रअध्यापक दिनांक
22-11-2016, दिन मंगलवार को रामभरोसे मैकूलाल विद्यालय में स्वच्छता अभियान चलाया
गया | इस अभियान के अंतर्गत हमें कक्षाओं की साफ-सफाई तथा कूड़ेदान का प्रयोग करने
के लिए छात्रों को प्रेरित किया | दोनों शौचालयों (स्त्री एवं पुरुष ) की साफ-सफाई
एवं उसकी पुताई की गई | इसी क्रम में हमने तथा हमारे शिक्षकगढ़ मिलकर वहां
पौधा-रोपण भी किया |
सभी कक्षाओं के
श्यामपट्ट ख़राब हो चुके थे उनपर चारकोल पोतकर सही किया गया |
शिक्षक कार्यलय एवं प्रधानाचार्य कक्ष की सफाई करके उनके मेज पर नए
कालीन बिछाए गए|
सभी कक्षाओं के
सामने अच्छे विचार एवं कक्षा वर्ग का पोस्टर लगाया गया |
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को उनके कार्य के लिए
एवं भविष्य में इस स्वच्छता अभियान प्रेरित हो, सबको एक-2 कलम पुरस्कार स्वरूप
दिया गया |
संविधान
दिवस
दिनांक:
- 26-11-2016
स्थान
– राम भरोसे मैकूलाल इंटरमीडिएट कॉलेज तेलीबाग लखनऊ ऊ,प्र, -226025
दिनांक 26 नवम्बर को राम भरोसे मैकूलाल विद्यालय में संविधान दिवस का
आयोजन किया गया | आयोजन में मुख्य अतिथि LIC के अधिकारीगढ़ थे|
इस दिन सभी छात्र एवं छात्राओं को संविधान दिवस के बारे में बताया
गया तथा इस अवसर पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया | संविधान दिवस के
अवसर पर कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया |
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