विद्यालय प्रशिक्षुवृत्ति के बाद का व्यापक विश्लेषण
(Comprehensive
analysis of Post Internship)
अवधि : 16-08-2016 से 15-12-2016 तक
छात्रअध्यापक नाम :
अनुक्रमांक :
विद्यालय :
मैं , बी.एड तृतीय सत्र,
विश्वविद्यालय का छात्र हूँ | बी.एड तृतीय सेमेस्टर में विद्यालय
प्रशिक्षुवृत्ति कार्यक्रम हेतु मुझे इंटरमीडिएट कॉलेज में भेजा गया | एक अर्द्ध-सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है| जहाँ पर
सह-शिक्षा का भी प्रावधान है|
मैं दिनांक 16 अगस्त 2016 को विद्यालय
में प्रथम बार प्रवेश किया | सुबह के ८ बजे रहे थे| बच्चे धीरे-2 स्कूल आ रहे थे |
जब समय ८.२५ हुआ तो सभी बच्चे विद्यालय के प्रार्थना स्थल पर प्रार्थना के लिए
इकठ्ठा हो गए |
प्रार्थना
सभा समाप्त हो जाने के बाद मैं प्रथम बार कक्षा 8 में मुझे अध्यापन कार्य के लिए
भेजा गया | मैं कक्षा 8 में प्रवेश किया उन्होंने मुझे शुभ प्रभात बोला मैंने भी
उनको शुभ प्रभात बोला और उसके बाद अध्यापन कार्य को प्रारम्भ किया |
अध्यापन
प्रक्रिया में मैंने यह अनुभव किया कि छात्राओं को विज्ञान में रूचि तथा विज्ञान
के आधारभूत भी जानकारी नहीं है |
मैंने सोचा की सबसे पहले विज्ञान के
प्रति इनमें रूचि पैदा किया जाए| मुझे मनुष्य का पाचन तंत्र के विषय में पढ़ाना था
सबसे पहले मैंने उनके दैनिक भोज्य पदार्थो के से सम्बंधित प्रस्तावना प्रश्नं पूछा
छात्राओं ने बहुत ही निर्भीक एवं तत्पर होकर मेरे प्रश्नों का उत्तर दिया | इसके
बाद मैंने अपने पाठ-योजना को पढ़ाया |
मध्याहन तक ऐसे विभिन्न कक्षाओं में
विज्ञान पढ़ाने के लिए भेजा गया और मैंने यह अनुभव किया कि सभी कक्षाओं में विज्ञान
के प्रति कोई रूचि एवं जिज्ञासा नही थी|
मध्याहन पश्चात् मुझे कक्षा 7 वर्ग अ
की छात्राओं की कक्षा में भेजा गया | यहाँ पर आकर मुझे ऐसा लगा की इस कक्षा के
बच्चे विज्ञान विषय में बहुत ही रूचि रखते है|
मैंने
अपने पाठ-योजना –जल को पढ़ाया बच्चे बहुत ही रुचिपूर्वक सुन और समझ रहे थे ऐसा लगा
जो मैं कहना चाहता हु वह बच्चे बिलकुल वैसे ही समझ रहे थे |
कक्षा
7 को पढ़ने के बाद स्कूल में छुट्टी हो गयी| अगले दिन मैंने निश्चय किया की सबसे
पहले प्रार्थना सभा में जाऊंगा और बच्चों से प्रार्थना के बाद सामान्य-ज्ञान के
कुछ प्रश्न पूछूँगा लेकिन ऐसा न हो सके जब मैं अगले दिन स्कूल पहुंचा तो प्रार्थना
सभा समाप्त हो चूँकि थी और मेरी साडी योजना धरी की धरी रह गयी | मेरी लापरवाही की
वजह से मैं समय पर स्कूल न पहुँच सका | पर मैं निश्चय किया की अगले दिन ऐसा नहीं
होने दूँगा | विद्यालय में दुसरे दिन से ही कुछ परिवर्तन देखने को मिला | पिछली
कक्षा जो की 7 को मैंने विज्ञान पढाया था वे बच्चे मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे
विज्ञान पढने के लिए|
मैं
जाते ही कक्षा 7 को विज्ञान पढ़ाने लगा| पढ़ाते समय मुझे बहुत ही आनंद की अनुभूति हो
रही थी |
धीरे-२
यह क्रम चलने लगा | छात्रों में विज्ञान की शिक्षा तथा अध्ययन में सुधार हुआ है कि
नहीं इसका पता लगाने के लिए क्रमशः मैने २ टेस्ट लिए| प्रथम टेस्ट में छात्रों में
कुछ ही सुधार देखने को मिला लेकिन उनमें कुछ और सुधर की सम्भावन थी | अतः मैंने
प्रथम परिक्षण के डाटा का अध्ययन किया तथा उसके आधार पर मैंने अपनी शिक्षण
पप्रक्रिया में कुछ बदलाव किये|
कुछ समय बाद मैंने दूसरा परिक्षण लेने
का विचार किया| इस बार छात्रों में परिक्षण के प्री रूचि एवं प्रतिस्पर्धा की
घोषणा किया तथा तीन छात्राओं को अधिक प्राप्तांक लाने पर पुरस्कृत किया जायेगा
इसकी घोषणा भी की|
अगले
दिन टेस्ट में छात्राओं की संख्या में इजाफा देखने को मिला और वे उत्सुकता पूर्वक
टेस्ट में भाग लिया| टेस्ट के परिणाम के आधार पर मैंने यह निष्कर्ष निकाला की पहले
टेस्ट की अपेक्षा इस बार अधिक छात्राओं ने अच्छे अंक प्राप्त किये थे| लेकिन टेस्ट
परिक्षण में मैंने पाया की सभी छात्राएं मिलान के प्रश्नों एवं कुछ बहुविकल्पी
प्रश्नों हो हल नही कर पाई थी |
प्रशिक्षण
अवधि के अंत समय में मैंने विज्ञान विषय के सभी विषय सूची का एक उपलब्धि परिक्षण
किया टेस्ट का परिणाम बहुत ही संतोषजनक रहा| कुछ छात्राएं तो 90% अंक प्राप्त की |
मेरे लिए यह एक गौरव की बात थी| टेस्ट परिणाम से सबसे बड़ी बात यह निकल कर आई कि
जिन प्रश्नों को वे हल नही कर प् रही थी | आज उन प्रश्नों का उत्तर लगभग सभी
छात्राओं ने सही किया था | छात्राओं का आत्मविश्वास एवं हौसला बढ़ाने के लिए मैंने
अपने प्रशिक्षण अध्यापिका के हाथों से प्रश्श्तिपत्र एवं सर्वश्रेष्ठ छात्रा की
ट्राफी दिलवाया |पाठ्य गतिविधियों के आलावा हमने राम भरोसे मैकूलाल इंटर कॉलेज में
दिनांक २२ नवम्बर को स्वच्छता अभियान एवं २६ नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में
मनाया |
स्वच्छता अभियान के अंतर्गत हमने
विद्यालय वातावरण तथा परिसर की साफ सफाई करवाई | इसी के सन्दर्भ में आगे हमने पौध
रोपण भी करवाया |
स्वच्छता अभियान के दौरान हमने सभी
कक्षाओं के श्यामपट की पुताई किया तथा इस अभियान में भाग लेने वाले छात्र एवं
छात्राओं को प्रेरित करने के लिए सबको एक-२ कलम पुरस्कार स्वरूप दिया गया |
दिनांक २६ नवम्बर को विद्यालय में
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में मनाया गया | इस दिन सभी छात्र एवं छात्राओं में
निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया |
निष्कर्ष
४
महीने के प्रशिक्षण के दौरान राम भरोसे मैकूलाल विद्यालय में मैंने बहुत कुछ सीखा
और अनुभव किया | विद्यालय में कुछ छात्र एवं छात्राओं में ऐसी प्रतिभा है कि
उन्हें बस एक सही मार्गदर्शन एवं योग्य शिक्षक के द्वारा शिक्षा दिया जाये तो
निश्चय ही वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त क्र लेगें |
विद्यालय में बहुत कुछ सुधार की अभी
भी आवश्यकता है- जैसे- अनुशासन, आधारभूत संरचना, समय तालिका, मिडडे मील, शिक्षक का
अपने कर्तव्य का बोध होन आदि |
यदि उपरोक्त दोषों को सुधार लिया जाये
तो इंटर कॉलेज की गिनती एक आदर्श विद्यालयों में होने लगेगी|
धन्यवाद
!
Comments
Post a Comment